भारत त्योंहारों का देश हैं। भारत में हर साल धूम धाम से कई त्यौहार मनाये जाते है जिनमे से एक हैं रक्षाबन्धन! रक्षाबन्धन के त्यौहार को राखी भी कहा जाता हैं। रक्षाबन्धन देश में मनाये जाने वाले सबसे बड़े त्यौहारो में से एक हैं। रक्षाबन्धन वैसे तो एक हिन्दू त्यौहार हैं लेकिन भारत में इस त्यौहार को सभी धर्म और समुदाय के लोग मिल-जुलकर खुसी से मनाते हैं। इस लेख में हम 'रक्षाबन्धन पर निबन्ध' (Rakshabandhan 2020 Essay in Hindi) प्रस्तुत करने वाले हैं।
रक्षाबन्धन का मतलब एक ऐसे बंधन से होता हैं जिसमे रक्षा का वचन समाया हुआ हैं। भारतीय सभ्यता में भाई-बहन के बीच में मनाये जाने वाला रक्षा बन्धन का त्यौहार श्रावण माह के पूर्णिमा को मनाया जाता हैं। रक्षा बन्धन के त्यौहार के दिन बहन अपने भाई के हाथो पर रक्षा सूत्र (राखी) बढ़ती है और उसके बदले में बहन को रक्षा का वचन और भेंट देता हैं। रक्षाबन्धन का त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है। इस त्यौहार को मुख्य रूप से सनातन और जैन धर्म के अनुयायी मनाते हैं।
2020 में रक्षाबन्धन कब हैं? (Raksha bandhan Date 2020) साल 2020 Raksha Bandhan Kab Hain
अधिकतर हिन्दू त्यौहारो की तरह रक्षाबन्धन भी भारतीय तिथियों के अनुसार ही मनाया जाता हैं। भारतीय पंचांगों के अनुसार रक्षाबन्धन का त्यौहार श्रावण माह की पूर्णिमा को बनाया जाता हैं। श्रावण माह मर मनेर जाने के कारण रक्षा बन्धन के त्यौहार को श्रावणी नाम से भी जाना जाता हैं। अंग्रेजी पंचांग के अनुसार यह त्यौहार हर साल लगभग अगस्त में मनाया जाता हैं। इस साल रक्षाबन्धन 3 अगस्त, सोमवार को मनाया जाएगा।
रक्षा बन्धन पर निबन्ध हिंदी में ( रक्षा बन्धन पर निबन्ध ) - Raksha Bandhan Par Nibandh Hindi Me
बात कॉलेज की ही या विद्यालयों (स्कूल) की, निबन्ध हमेशा से ही हमारे जीवन में अपना महत्व बनाये हुए हैं। त्योहारो पर अपना एक बेहतरीन निबन्ध बनाने के लिए आपको उनसे जुड़े हुए सभी पॉइंट्स पता होने चाहिए। इसके बाद आप किसी भी लेवल का निबन्ध आसानी से बना सकते हो चाहे वह 200 शब्दो का ही या 2 हजार! तो चलिए 'रक्षा बन्धन पर निबन्ध' के लिए सभी पॉइंट्स क्लियर करते हैं।
रक्षा बन्धन क्या हैं? (Rakshabandhan in 2020)
भारत में रहने वाले लगभग सभी लोग रक्षाबंधन के बारे में जानते हैं। रक्षाबंधन एक भारतीय त्योहार है जैसे मुख्यतः हिंदू और जैन धर्म के लोग मनाते हैं। रक्षाबंधन काफी प्राचीन त्यौहार है जो कि आज भी परंपराओं के साथ मनाया जाता हैं। रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का एक पवित्र त्यौहार है।
सावन के महीने में मनाये जाने वाले रक्षाबंधन के त्यौहार को लोग श्रावणी या सलूनो जैसे नामो से भी जानते हैं। रक्षाबंधन के नाम से ही इस त्योहार का महत्व साफ हो जाता है। रक्षा का मतलब सुरक्षा और बन्धन का मतलब बाध्यता या फिर धर्म से हैं। भारतीय सभ्यताओं के अनुसार एक भाई का फर्ज उसकी बहन की सदैव रक्षा करना होता हैं।
रक्षाबंधन के दिन बहन मुहूर्त के अनुसार अपने भाई को राखी बांधती है और भाई बहन को रक्षा करने का वचन और कुछ उपहार देता है। रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने मुंहबोले भाइयों को भी रक्षाबन्धन बांधती हैं। यह त्यौहार भाई बहन के प्यार को मजबूत बनाता हैं। त्यौहार के दिन परिवार साथ होता है और घर में राखीयो और मिठाइयों से रोनक बढ़ जाती हैं।
रक्षाबंधन का त्योहार ना केवल भाई बहनों के लिए है बल्कि यह हर तरह के रिश्ते को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। रक्षाबंधन के दिन लोग वृक्षों को राखी बांधकर उन्हें भी महत्व देते हैं। धार्मिक अनुसंधानों में भी रक्षा बन्धन का विशेष महत्व होता हैं। कुछ संस्थाओ में इस त्यौहार के दिन पुरुष भी एक दूसरे को विभिन्न रंगों की राखी बांधकर भाईचारे को मजबूत करते हैं।
रक्षाबन्धन कैसे मनाते हैं? How to Celebrate Raksha Bandhan in Hindi
रक्षाबंधन भी अन्य कई हिंदू त्योहारों की तरह मुहूर्त के हिसाब से मनाया जाता है। अगर आप नहीं जानते कि 'रक्षाबंधन विधि पूर्वक कैसे मनाते हैं' तो चलिए इस विषय पर विस्तार से बात करते हैं।
रक्षाबंधन पवित्र त्योहार है इस दिन सुबह स्नान करने के बाद नए और साफ-सुथरे कपड़े पहने जाते हैं। महिलाये नहा धोकर तैयार होती हैं और पूजा की थालिया सजाती हैं। रक्षाबन्धन की थाली में रक्षा सूत्र (राखी) के साथ रोली, हल्दी, चावल, दीपक, मिठाई और कुछ पैसे होते हैं।
लड़के किसी स्वच्छ और उपयुक्त स्थान पर बैठते है। सबसे पहले अभीष्ट देवताओ की पूजा होती है। फिर उसके बाद बहन द्वारा भाई के सिर पर रोली या हल्दी का टिका अक्षत (पूजा वाले साबुत चावल) सहित लगाया जाता हैं और उनके सिर पर छिड़का जाता हैं।
इसके बाद बहन भाई की आरती करती हैं और दाहिनी कलाई पर राखी बांधती है। इसके बाद भाई को नारियल सहित शगुन दिया जाता हैं और मिठाई खिलाई जाती हैं। भाई के ऊपर पैसे न्यौछावर किये जाते है जिन्हें गरीबो को दे दिया जाता हैं। इसके बाद भाई बहन को उपहार और शगुन की धनराशि देता हैं।
रक्षा बन्धन क्यों मनाते हैं? Raksha Bandhan Kyu Manate Hai?
रक्षा बन्धन के बारे में तो लगभग सभी लोग जानते हैं लेकिन इस बात से काफी कम लोग परिचित हैं की 'रक्षा बन्धन क्यों मनाया जाता हैं' भाई और बहन के रिश्ते को जाहिर करने वाले इस त्यौहार का अपना एक अलग ही महत्व हैं।
रक्षा बन्धन का त्यौहार एक ऐसा मौका होता हैं जिसके जरिये भाई अपनी बहन के प्रति अपने कर्तव्य को जाहिर करते हैं। यह त्यौहार केवल भाई-बहन नही बल्कि हर तरह के कर्तव्य और निष्ठा से भरे रिश्ते को मजबूत करने के लिए होता है।
रक्षा बन्धन के पावन मौके पर बहन भाई की कलाई पर रखी बांधकर उसकी खुशहाली की कामना करती है तो भाई उसे उपहार देते हुए उसकी सुरक्षा और लम्बी उम्र की मनोकामना करता है। यह त्यौहार भाई बहन के रिश्ते को मजबूत बनाता हैं और यही कारण हैं की हम इसे मनाते हैं।
रक्षाबन्धन की शुरुआत कैसे हुई? Raksha Bandhan Ki Shuruat Kaise Hui?
किसी भी त्यौहार को दिल से मनना अच्छी बात हैं लेकिन अगर हमे उस त्यौहार के बारे में थोड़ी अधिक और विशेष जानकारी होती हैं तो त्यौहार मनाने में और भी अधिक मजा आता हैं। रक्षाबन्धन से जुड़ी साधारण बाते हम सभी जनते हैं लेकिन क्या आप यह जानते हैं की 'रक्षाबन्धन की शुरुआत कैसे हुई' अगर नही, तो चलिए इस बारे में अब जान लेते है।
रक्षा बन्धन की शुरुआत को लेकर हिन्दू मान्यताओ में कई कहानिया प्रचलन में हैं। इनमे से पहली कहानी भगवान विष्णु के वामन अवतार की हैं। दरअसल वामन अवतार में जब भगवान ने राजा बलि से वरदान मांगने को कहा तो बलि ने भगवान विष्णु से पाताल लोक में उनके साथ रहने का वरदान मांग लिया।
भगवान विष्णु भी राजा बलि को वरदान देने के कारण उनकी इच्छा को टाल ना सके। ऐसे में श्री हरि की पत्नी देवी लक्ष्मी परेशान हो गयी और रूप बदलकर राजा बलि के पास पहुच गयी। उन्होंने राजा बलि को अपना भाई बनाया और उन्हें राखी बांध दी। राजा बलि ने ऐसे में साधारण कन्या का वेश धारण देवी लक्ष्मी से कोई उपहार मांगने को कहा।
माता लक्ष्मी ने उपहार में अपने पति को मांग लिया। माता लक्ष्मी ने राजा बलि से अपने पति विष्णु को पाताल लोक से अपने साथ वापस वैकुण्ड धाम ले जाने का उपहार मांगा। वचन में बंदे होने के कारण राजा बलि माता लक्ष्मी को इंकार ना कर सके। श्रावण पूर्णिमा के उस दिन से रक्षा बन्धन की प्रथा प्रारम्भ ही गयी।
रक्षा बन्धन से जुड़े हुए अन्य ऐतिहासिक प्रसंग - Raksha Bandhan Historical Stories in Hindi 2020
द्रोपदी और कृष्ण की कहानी : भारतीय ग्रंथो के अनुसार द्रोपदी और कृष्ण के बीच गहरा प्रेम हुआ करता था लेकिन नियती के अनुसार द्रौपदी का विवाह पांडवो से ही होना था। भगवान कृष्ण जब द्रोपदी के विवाह की चर्चा हुई तो उन्होंने द्रोपदी का विवाह अर्जुन से करने का जिक्र किया। एक दिन द्रोपदी अपने भविष्य की उदासीनता और सुरक्षा दुःखी थी। कृष्ण उनके पास गए और उन्होंने द्रोपदी की सुरक्षा की जिम्मेदारी का वचन लिया। द्रोपदी ने उस समय कृष्ण को अपने रेशम के कपड़े से राखी भी बांधी।
कर्णावती और हुमायु की कहानी : राखी के त्यौहार से जुड़े चित्तोड़ की रानी कर्णावती और दिल्ली के मुगल बादशाह हुमायु का प्रसंग काफी लोकप्रिय हैं। जब मेवाड़ की रानी कर्णावती को शासक बहादुरशाह के द्वारा मेवाड़ पर आक्रमण की जानकारी मिली तो उन्होंने बादशाह हुमायू को राखी भेजकर उनके राज्य की रक्षा करने की याचना की। मुस्लिम होते हुए भी मुगल शासक हुमायु ने राखी की लाज रखी और बहादुर शाह से लड़ाई लड़ी। इस तरह से उन्होंने राखी के बन्धन के कारण कर्णावती के राज्य की रक्षा की।
सिकन्दर की पत्नी और राजा पुरु : सिकन्दर विश्व के सबसे बड़े शासको में से एक था लेकिन हिंदुस्तान के शासक राजा पुरु अधिक शक्तिशाली थे। सिकन्दर राजा पुरु को हराना चाहता था और राजा पुरु उसके दुश्मन थे। लेकिन सिकन्दर की पत्नी ने पुरु को भाई बनाकर पति की रक्षा का वचन लिया। युद्ध के समय जैसे की पुरु ने सिकन्दर को मारने के लिए तलवार उठाई तो उन्हें उस राखी की याद आ गयी। इससे उन्होंने सिकन्दर को नही मारा और वह जीत गया।
रक्षा बन्धन का महत्व - Raksha Bandhan Ka Mahatva in Hindi 2020
किसी भी त्यौहार को हम इसलिए ही सेलेब्रेट करते हैं क्योंकि वह हमारे जीवन में अपना एक महत्व रखता हैं। रक्षा बन्धन भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। इस त्यौहार का सामाजिक, राष्ट्रीय, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व हैं। इसके अलावा त्यौहारो के समय में बाजारों में रोक बढ़ जाती है और डिजिटल शॉपिंग की ई-कॉमर्स दुनिया भी रफ्तार पकड़ लेती है तो इस हिसाब से इस त्यौहार का आर्थिक महत्व भी हैं।
वेस्टर्न मान्यताओ और स्वतन्त्रता से भरे इस जमाने में जहा एक तरफ रिश्तो के बन्धन कमजोर होते जा रहे है ऐसे में यही कुछ त्यौहार हैं जिनमे भारतीय संस्कृति उभर के आती हैं। रक्षा बन्धन के दिन घर में पूरा परिवार मौजूद होता है और सभी के बीच में प्यार होता हैं। साल भर की छोटी छोटी लड़ाईयो के बावजूद भी कभी कभार रक्षा बन्धन और भाई-दूज जैसे त्यौहारो पर भाई-बहन प्यार से रहते हैं। इन त्यौहारो में कुछ अलग ही मिठास होती हैं।
जो लोग ऐतिहासिक तथ्यों को नही मानते उनके लिए भी रक्षाबन्धन और ऐसे अन्य त्यौहार काफी महत्व रखते हैं। क्योंकि भाग-दौड़ से भरी इस ज़िन्दगी में यह त्यौहार ही हैं जो लोगो को साल में कुछ दिन जोड़ देते हैं। काफी सारि बाटे होती है और रिश्ते मजबूत होते हैं। ना कोई लड़ाई और ना ही कोई झगड़ा। घर में खुशिया आ जाती है और आगे काम के लिये दिमाग भी फ्रेश हो जाता हैं। मॉडर्न लोगो की मॉडर्न लाइफ जहा गाय के दूध से ज्यादा डिस्को की शराब को महत्व दिया जाता है उनका भी मिलना मिलाना हो जाता हैं।
दोस्तो, हमने यह रक्षा बन्धन से जुड़े हुए सभी तथ्य आपको बता दिए हैं। अब आप अपना निबन्ध आसानी से तैयार कर सकते ही।
उम्मीद हैं की आपको रक्षा बन्धन पर आधारीय हमारा यह लेख 'रक्षाबन्धन पर निबन्ध हिंदी में 2020' पसन्द आया होगा। इस लेख में हमने Raksha Bandhan in 2020, रक्षा बन्धन का महत्व और रक्षा बन्धन कैसे मनाते है जैसे विषयो पर बात की हैं। अगर आपको इस लेख से जुड़ा हुआ कोई सवाल जानना हैं तो हमे Comment के माध्यम से जरूर बताये। इसके अलावा ऐसी अन्य रोचक लेख प्राप्त करते रहने के लिये हमारे साथ जुड़े रहे और हमारे Free Newsletter को जरूर Subscribe करे।
bahut hi badhiya jankari aapne hum sabhi ke sath share kiya hai. aise hi useful informations ke bare me likhte rahiye. thanks share krne ke liye
ReplyDeleteINDIAN STUDENT HELP